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सवारी के पास मिली शराब तो वाहन जब्ती नहीं: पटना हाई कोर्ट का अहम फैसला
- Reporter 12
- 23 Dec, 2025
पटना।
बिहार में शराबबंदी कानून से जुड़े मामलों पर पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए वाहन मालिकों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने साफ कहा है कि अगर किसी वाहन पर बैठी सवारी के पास से अवैध शराब बरामद होती है, तो केवल इसी आधार पर वाहन मालिक को दोषी नहीं ठहराया जा सकता और न ही उसकी गाड़ी जब्त की जा सकती है।
यह फैसला जस्टिस जितेंद्र कुमार की एकल पीठ ने बिहार निषेध एवं उत्पाद शुल्क अधिनियम से जुड़े एक मामले की सुनवाई के दौरान सुनाया। कोर्ट ने कहा कि जब तक यह साबित न हो जाए कि वाहन का इस्तेमाल जानबूझकर शराब तस्करी या अपराध के लिए किया गया, तब तक वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई उचित नहीं है।
मामला उस समय सामने आया था जब पुलिस ने एक मोटरसाइकिल को रोका, जिस पर दो लोग सवार थे। जांच के दौरान बाइक के पीछे बैठे व्यक्ति के बैग से करीब छह लीटर अवैध शराब बरामद की गई। इसके बाद मोटरसाइकिल के रजिस्टर्ड मालिक सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया था। वाहन मालिक ने गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी।
सुनवाई के दौरान अदालत ने एफआईआर और केस डायरी का अवलोकन करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि याचिकाकर्ता न तो मौके पर मौजूद था, न बाइक चला रहा था और न ही उसके पास से शराब बरामद हुई थी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि शराब की बरामदगी वाहन से नहीं, बल्कि सवारी के निजी बैग से हुई थी।
इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि केवल सवारी की गलती के लिए वाहन मालिक को जिम्मेदार ठहराना कानूनन सही नहीं है।
कानूनी जानकारों के मुताबिक, यह फैसला शराबबंदी कानून के तहत दर्ज मामलों में एक मिसाल के तौर पर देखा जा रहा है और इससे ऐसे कई मामलों में वाहन मालिकों को राहत मिल सकती है।
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